दोस्तों इंटरनेट हम इंसानों की मूलभूत ज़रूरतों का एक अहम हिस्सा बन चुका है। अब ऐसा लगता है कि इंटरनेट के बिना जिंदगी की कल्पना भी नहीं की जा सकतीं हैं। यू कहे तो इंटरनेट आज हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। क्योंकि आज का इंसान खास करके आज के नौजवान पीढ़ी बिना बिजली, बिना खाए, बिना पिए, और बिना सोए तो रह सकता है लेकिन बिना इंटरनेट के नहीं रह सकता।
इसका कारण ये भी है कि घर से लेकर बाहर तक हर जगह यह किसी न किसी रूप में मिल ही जाता है। जैसे- मनोरंजन के लिए, बैंकिंग के लिए, ऑनलाइन रेलवे टिकट के लिए, घर बैठे online शॉपिंग के लिए, मोबाइल, बिजली, फोन का बिल जमा करने के लिए, online पढ़ाई करने के लिए, विज्ञापन के लिए, बिज़नेस के प्रचार प्रसार के लिए, किसी भी डॉक्यूमेंट को mail के माध्यम से ट्रांसफर करने के लिए. इसके साथ साथ आप अभी इस आर्टिकल को इंटरनेट से कनेक्टेड मोबाइल फोन या फिर कंप्यूटर पर ही पढ़ रहे होंगे और मैं इंटरनेट का इस्तेमाल करके ही इस आर्टिकल को आप तक पहुंचा पाया हूं।
आजकल के नौजवान जिसको देखो मोबाइल में लगा रहता है। क्योंकि इंटरनेट व्यापार से लेकर एजुकेशन, टेक्नोलॉजी, कम्युनिकेशन और मनोरंजन का एक प्रमुख केंद्र बना हुआ है। इंटरनेट जहां आज हमारी बहुत सी समस्याओं का हल किया है,वही हमारे लिए बहुत सी नई समस्याओं को जन्म दे दिया है। दोस्तों अब आपके मन में बहुत सारे सवाल आ रहे होंगे कि
इंटरनेट क्या है? इंटरनेट से क्या लाभ और हानि है? इंटरनेट को हिंदी में क्या कहते हैं? इसके मालिक कौन है तथा इसकी खोज किसने की? भारत में इंटरनेट कब आया इंटरनेट का क्या महत्व है? इंटरनेट का इतिहास क्या है?
इस तरफ से और ना जाने आपके मन में इंटरनेट से जुड़ी कितने तरह के सवाल आ रहे होंगे तो आपको सोचने की जरूरत नहीं है आप सही जगह पर हैं। क्योंकि आज हम आपको इंटरनेट से जुड़ी सभी जानकारी अपने इस आर्टिकल में बताने वाले हैं। इंटरनेट से जुड़ी कुछ जानकारी रह जाए या समझ नहीं आए या फिर आप कुछ बताना चाहते हैं मुझे कमेंट के माध्यम से अवगत कराना ना भूले। तो आइए सबसे पहले हम जानते हैं कि इंटरनेट क्या है?
इंटरनेट क्या है What is Internet in Hindi
इंटरनेट (Internet) एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा दुनिया के अलग-अलग जगहों पर स्थित computers या device को एक दूसरे से connect करके डाटा को exchange करते हैं।
इंटरनेट का फुल फॉर्म Interconnected Network होता है। मतलब कि ऐसा नेटवर्क जो कि एक कंप्यूटर को दूसरे कंप्यूटर से जोड़ने का काम करता है उसे इंटरनेट कहा जाता है।
सरे शब्दों में कहें तो इंटरनेट एक ग्लोबल नेटवर्क होता है जिसके द्वारा बहुत सारे computer अलग-अलग जगहों पर एक दूसरे से deta exchange करने के लिए connect होते हैं।
यह सभी computer data को EMail, chatting, social networking, video conferencing, E-commerce के जरिए डाटा को एक्सचेंज करते हैं।
इन्टरनेट का इतिहास
अगर हम बात करते हैं इंटरनेट की इतिहास की तो हमें जाना होगा कि इंटरनेट कब शुरू हुआ था। और कैसे यह प्रसिद्ध होता चला गया।
सबसे पहले सन 1969 ईस्वी में अमेरिकी रक्षा विभाग Advance Research Projects Agency (ARPA) नाम का एक नेटवर्क लॉन्च किया। जिसका प्रयोग गुप्त सूचनाओं को भेजने के लिए प्रयोग में लाया गया।
1969 ईस्वी में पहली बार एक से ज्यादा कंप्यूटर को जोड़कर एक नेटवर्क तैयार किया गया और इस नेटवर्क के बीच Message को send किया गया।
जैसे-जैसे इसके फायदे का पता चलता गया वैसे वैसे इसका इस्तेमाल और बढ़ता चला गया। तो आइए एक नजर डालते हैं कि नेट शुरू होने के बाद अब तक हमारे पास कैसे पहुंचा।
इंटरनेट के लिए पहली बार Advanced Research Projects Agency Network (ARPANET) के नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया गया। इसको अमेरिकन डिफेंस डिपार्टमेंट ने 1969 ईस्वी में डेवलप किया।
ARPANRT को गुप्त रूप से वार के बीच मैसेज भेजने के लिए बनाया गया।
1972 में Retanolines ने पहली बार E- Mail message send किया। इस तरह से का उपयोग बढ़ता चला गया। इस तरह से Email message का उपयोग बढ़ता चला गया। इस तरह से ये नेटवर्क बहुत ही लोकप्रिय हो गया।
1979 में पहली बार इसका ब्रिटिश पोस्ट ऑफिस में टेक्नोलॉजी (Technology) के रूप में इस्तेमाल किया गया।
धीरे-धीरे 1984 के आने तक इस नेटवर्क से 1000 Computers जुड़ चुके थे।
अब इसका इस्तेमाल दूसरे सेक्टर में भी होने लगा और इसका नेटवर्क फैलता चला गया जो अब तक फैल ही रहा है।
1986 में इंटरनेट को NSINET नाम दिया गया और इसने पूरी दुनिया में अपने महतो को साबित कर दिया।
इंटरनेट की खोज किसने किया
इंटरनेट का खोज करना किसी एक व्यक्ति के बस की बात नहीं थी। इंटरनेट की खोज के पीछे कई लोगों का हाथ था। कई सारे साइंटिस्ट और इंजीनियर ने मिलकर इंटरनेट की खोज की।
1957 ईस्वी में कोल्ड वार के समय अमेरिका ने Advanced Research Project Agency ( ARPA) की स्थापना की। जिसका उद्देश्य एक ऐसी टेक्नोलॉजी को बनाना था जिससे कि एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर से जोड़ा जा सके।
सबसे पहले लियोनार्ड क्लेरॉक ( leonard kleonrock) ने इंटरनेट बनाने की योजना बनाई। बाद में J.C.R licklider ने उस योजना के साथ, रोबोट ट्रेलर की मदद से एक नेटवर्क बनाया। जिसका नाम ARPANET था।
1969 में ARPA agency ने ARPANET स्थापना की जिससे कि किसी भी कंप्यूटर को किसी भी कंप्यूटर से जोड़ा जा सके। 1980 आते आते उसका नाम इंटरनेट हो गया।
इन्टरनेट का मालिक कौन है ? Owner of Internet
इंटरनेट से जुड़ी सवालों में से एक सवाल यह भी है कि इंटरनेट का मालिक कौन है? हम में से बहुत से लोगों के मन में यह सवाल होता है कि जिस इंटरनेट का इस्तेमाल हम रात-दिन करते हैं आखिर उसका मालिक कौन है ? जब हम इंटरनेट इस्तेमाल करने के लिए किसी कंपनी(JIO, Airtel Idea या कोई अन्य) रिचार्ज करते हैं तो यह सवाल भी हमारे मन में आता है कि यह सारी कंपनियां किसे पैसा देती होगी।
तो आइए जानते हैं कि इंटरनेट का मालिक कौन है इंटरनेट का कोई एक मालिक, कोई व्यक्ति विशेष कोई एक देश या किसी देश की सरकार नहीं है। इसमें कई कंपनियां हैं।
मान लीजिए आप अभी इस बेवसाइट इस आर्टिकल को पढ़ रहे।तू इस आर्टिकल को आप हजारों किलोमीटर दूर रखें बेवसाइड के server से प्राप्त कर रहे हैं। जब बेवसाइट के server आपके मोबाइल या PC पर ये आर्टिकल आ रहा है। तो उस server और आपके मोबाइल के बीच एक connection बन रहा है। और इसी connection के लिए आपको पैसे देने पड़ते हैं। यह रुपए आप नेशनल लेवल की कंपनी जैसे jio, idea, Airtel, या local internet provider को देते हैं। लेकिन यह नेशनल कंपनी की पहुंच सिर्फ अपने देश तक ही होती है इसलिए यह नेशनल कंपनी भी इंटरनेट के लिए इंटरनेशनल कंपनी को पैसा देती है।
इंटरनेट का उपयोग
जैसा कि हम जान चुके हैं कि इंटरनेट हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है। इंटरनेट का उपयोग एक computer से दूसरे computer में या एक device से दूसरे device में deta send और receive करने के लिए करते हैं। आज के जमाने में इंटरनेट का उपयोग का दायरा असीमित हो चुका है।
तो आइए इस के कुछ प्रमुख उपयोग को जानते हैं जो इस प्रकार है:-
मनोरंजन के लिए
घर बैठे शॉपिंग कर सकते हैं
बैंकिंग के लिए
ऑनलाइन पढ़ाई के लिए
आपस में video calling बात कर सकते हैं
ऑनलाइन रेलवे या फ्लाइट टिकट बुक करने के लिए
न्यूज़ पढ़ने के लिए
मोबाइल फोन बिजली आदि का बिल जमा करने के लिए
अपने बिज़नेस का प्रचार-प्रसार भी कर सकते हैं।
विज्ञापन के लिए
किसी भी डॉक्यूमेंट को मेल के माध्यम से ट्रांसफर करने के लिए
किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इत्यादि
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